ये इश्क़ के सताए करेंगे लड़ाई ख़ाक
घर फूँक के किया है तमाशा उड़ाई ख़ाक,
हम से जो हो सका तो मोहब्बत में ये किया
दिल को जला के राह ए वफ़ा में बुझाई ख़ाक,
रब की रज़ा से संग भी करने लगे कलाम
ताक़त हो गर दुआओं में बनती दवाई ख़ाक,
हम ने सुना है आएँगे इरशाद इस तरफ़
पलकों से अपनी देखिए हम ने उड़ाई ख़ाक,
दो लफ़्ज़ तुम ने बोले तसल्ली के आ के बस
ऐ जान तुम ने दोस्ती मुझ से निभाई ख़ाक..!!
~इरशाद अज़ीज़