वक़्त बे वक़्त ये पोशाक मेंरी ताक में है

वक़्त बे वक़्त ये पोशाक मेंरी ताक में है
जानता हूँ कि मेंरी ख़ाक मेंरी ताक में है,

मुझ को दुनिया के अज़ाबों से डराने वालो
एक आलम पस ए अफ़्लाक मेंरी ताक में है,

साँप हर दश्त में करता है तआक़ुब मेरा
बहर ए बे आब का तैराक मेंरी ताक में है,

जम्अ करता है शवाहिद मेंरे होने के ख़िलाफ़
दर हक़ीक़त मेंरा इदराक मेंरी ताक में है,

है मेंरे गिर्द हिफ़ाज़त के लिए एक हिसार
हो अगर कोई ग़ज़बनाक मेंरी ताक में है,

उस से कहना मुझे हासिल है तहफ़्फ़ुज़ ग़ैबी
जो पस ए पर्दा ए बे चाक मेंरी ताक में है,

वो तो यूँ है कि बचाता है बचाने वाला
वर्ना इक लश्कर ए सफ़्फ़ाक मेंरी ताक में है,

एक तरफ़ रूह वज़ू में नहीं होती शामिल
एक तरफ़ सज्दा ए नापाक मेंरी ताक में है,

आश्ना एक है इस शहर में आसिम मेरा
और वो दुश्मन ए बेबाक मेंरी ताक में है..!!

~आसिम वास्ती

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