उसने कहा कि मुझसे तुम्हें कितना प्यार है ?
मैंने कहा सितारों का भी कोई शुमार है,
उसने कहा कि कौन तुम्हें है बहुत अज़ीज़ ?
मैंने कहा कि दिल पे जिसे इख़्तियार है,
उसने कहा कि कौन सा तोहफ़ा है मनपसंद ?
मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है,
उसने कहा खिज़ां में मुलाक़ात का जवाज़ ?
मैंने कहा कि क़ुर्ब का मतलब बहार है,
उसने कहा कि सैकड़ों गम ज़िन्दगी में हैं
मैंने कहा क्या गम है, जब गमगुसार है,
उसने कहा कि साथ कहाँ तक निभाओगे ?
मैंने कहा कि जितनी ये साँसों की तार है..!!
~ऐतबार साजिद