तुम साथ चले थे तो मेरे साथ चला दिन
तुम राह से बिछड़े थे कि बस डूब गया दिन,
जो तुम से महक जाए एक ऐसी न मिली रात
जो तुम से चमक जाए एक ऐसा न मिला दिन,
एक रंगी ए हालात से पथरा गईं आँखें
जिस तरह कटी रात उसी तरह कटा दिन,
वो और मसाफ़त थी जिसे झेल चुके हम
ये और मसाफ़त है जिसे झेल रहा दिन..!!
~अहमद हमेश