नादान न बन इतना तू हर सवाल का जवाब जानता है…

नादान न बन इतना तू हर सवाल का जवाब जानता है
मेरी नींदे चुराने वाले तू मेरा हर ख़्वाब जानता है,

मत कर कज़ा मेरे सज़दे इस तरह ख्यालो में आ कर
तू तो हर गुनाह और हर सवाब जानता है,

तेरी सादगी और तेरे ज़ुल्म की मिसाल क्या दूँ ज़माने को
मुझे सब काँटे और तुझे हर गुलाब जानता है,

अंजान समझ के और बदनाम न कर मुझको बाज़ार ए मुहब्बत में
तू तो तिज़ारत ए इश्क़ का हर एक हिसाब जानता है,

शक़ हो अगर मेरी वफ़ा पे तो कभी साक़ी से पूछ लेना
मैख़ाने में किस को ज्यादा शराब जानता है,

मेरी मुहब्बत और सब्र की इन्तेहा और क्या होगी
ये तो तेरा दिया हुआ हर एक अज़ब जानता है,

नादान न बन इतना तू हर सवाल का जवाब जानता है
मेरी नींदे चुराने वाले तू मेरा हर ख़्वाब जानता है..!!

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