उड़ते हैं गिरते हैं फिर से उड़ते हैं

उड़ते हैं गिरते हैं फिर से उड़ते हैं
उड़ने वाले उड़ते उड़ते उड़ते हैं,

कोई उस बूढे पीपल से कह आओ
पिंजरे में हम ख़ूब मज़े से उड़ते हैं,

हाए वो चिड़िया उड़ मैना उड़ के झगड़े
और फिर साबित करना बकरे उड़ते हैं,

पिंजरे में दाना पानी सब रक्खा है
और परिंदे भूखे प्यासे उड़ते हैं,

देख रहे हैं हम भी जवानी के मौसम
बंद हवा में कैसे दुपट्टे उड़ते हैं,

इस तोते का पिंजरा खोलो फिर देखो
कैसे इस तोते के तोते उड़ते हैं..!!

~चराग़ शर्मा

Leave a Reply