तेरी आँखों के दरीचे से गुज़ारे जाते
तो मेरे ख़्वाब यूँ बे मौत न मारे जाते,
एक रिवायत की तरह हम भी ज़मीं पर उतरे
पुछा जाता तो तेरे दिल पे उतारे जाते,
माना थी शर्त ए वफ़ा नाम छुपाया जाता
मेरी ज़ानिब मेरी जान कुछ तो इशारे जाते,
एक ही दिल था सो उसको तो फ़िदा होना था
होते दस बीस भी गर तुम पे ही वारे जाते,
ये यकीं हमको है भूला वो नहीं होगा हमें
जाने किस नाम से अब हम है पुकारे जाते,
ऐ मुहब्बत ! तुझे फिर कौन मुहब्बत कहता
तेरे मारे भी जो आसानी से मारे जाते,
इनको रोको न जो कहते है इन्हें कहने दो
हम इसी शेर से तो है, यार सँवारे जाते,
हम हर एक बार समझते है नया कुछ होगा
हमसे ख़ुश फ़हम यहाँ ठीक है मारे जाते,
बस यही सोच के हम न तेरे साथ चले
हम तेरे साथ जो चलते तो किनारे जाते..!!