वो कौन है जो गम का मज़ा जानते नहीं…
वो कौन है जो गम का मज़ा जानते नहीं बस दूसरों के दर्द को ही …
वो कौन है जो गम का मज़ा जानते नहीं बस दूसरों के दर्द को ही …
आशना होते हुए भी आशना कोई नहीं जानते सब है मुझे, पहचानता कोई नहीं, तन्हा …
ज़िन्दा रहें तो क्या है जो मर जाएँ हम तो क्या दुनियाँ से ख़ामोशी से …