समंदरों में हमारा निशान फैला है
समंदरों में हमारा निशान फैला है पलट के देख मुए आसमान फैला है, मुक़ाबला है …
समंदरों में हमारा निशान फैला है पलट के देख मुए आसमान फैला है, मुक़ाबला है …
दो चार गाम राह को हमवार देखना फिर हर क़दम पे एक नई दीवार देखना, …
दुनिया की रिवायात से बेगाना नहीं हूँ छेड़ो न मुझे मैं कोई दीवाना नहीं हूँ, …
खून में डूबी सियासत नहीं देखी जाती हमसे अब देश की हालत नहीं देखी जाती, …
अमीर ए मुल्क के नसीब है उरूज़ पे हम गरीबो के हिस्से ज़वाल आ रहे …