ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना
ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना पाँव बख़्शें हैं तो तौफ़ीक़ ए …
ज़िंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना पाँव बख़्शें हैं तो तौफ़ीक़ ए …
किस सिम्त चल पड़ी है खुदाई मेरे ख़ुदा नफ़रत ही अब दे रही है दिखाई …
दुनिया में यूँ भी हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी अपनी कहाँ है जैसे उधारी है ज़िन्दगी, …
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है एक धुंध से आना है एक …
मर चुका हूँ कई बार फिर भी कई बार मरना है मरने से पहले ज़िन्दगी …
घबराने से मसले हल नहीं होते जो आज है वो कल नहीं होते, याद रखना …
बात इधर उधर तो बहुत घुमाई जा सकती है पर सच्चाई भला कब तक छुपाई …
अब मुहब्बत का इरादा बदल जाना भी मुश्किल है उन्हें खोना भी मुश्किल,उन्हें पाना भी …
रह के मक्कारों में मक्कार हुई है दुनिया मेरे दुश्मन की तरफ़दार हुई है दुनिया, …
ऐसा अपनापन भी क्या जो अज़नबी महसूस हो साथ रह कर भी गर मुझे तेरी …