क्या मिला ? और हुआ कितना ख़सारा सोचा…
क्या मिला ? और हुआ कितना ख़सारा सोचा बाद मुद्दत के यही क़िस्सा दोबारा सोचा, …
क्या मिला ? और हुआ कितना ख़सारा सोचा बाद मुद्दत के यही क़िस्सा दोबारा सोचा, …
इश्क़ जब एक मगरूर से हुआ तो फिर छोड़ कर अना ख़ुद को झुकाना पड़ा …
उदास चाँद खुले पानियों में छोड़ गया वो अपना चेहरा मेरे आँसूओ में छोड़ गया, …
तेरे फ़िराक़ के लम्हे शुमार करते हुए बिखर गए हैं तेरा इंतिज़ार करते हुए, तुम्हें …
सोचता हूँ कि उसे नींद भी आती होगी या मेरी तरह फ़क़त अश्क बहाती होगी, …
समन्दर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो …
महफ़िल से मुझको उठाने के बाद क्या मिलेगा दिल दुखाने के बाद, आज तो देख …
यूँ बात बात पे कर के मुकालमा मुझसे वो खुल रहा है मुसलसल ज़रा ज़रा …
तेरे लिए सब छोड़ के भी तेरा न रहा मैं दुनियाँ भी गई इश्क़ में, …
इस मुहब्बत के करम से पहले ख़ुद को जीता था मैं तुमसे पहले, हसरत ओ …