ऐ दिल ये तेरी ज़िद्द मुझे नादानी लगती है…

ae dil ye teri zidd mujhe nadaani lagti hai

ऐ दिल ये तेरी ज़िद्द मुझे नादानी लगती है उसे पाने की उम्मीद अब बेमानी लगती है, क्यों

सितम सितम न रहा जब सनम सनम न रहा…

sitam sitam na raha jab sanam sanam na raha

सितम सितम न रहा जब सनम सनम न रहा कुछ ऐसे दर्द ने घेरा कि गम भी गम

जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया…

jaate jaate wo mujhe achchi nishani de gaya

जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया, उससे मैं कुछ

सोयें कहाँ थे आँखों ने तकिए भिगोये थे…

soye kahan the aankh ne takiye bhigoye tha

सोयें कहाँ थे आँखों ने तकिए भिगोये थे हम भी कभी किसी के लिए ख़ूब रोये थे, अँगनाई

विसाल ऐसे भी महँगा पड़ेगा दोनों को…

visal aise bhi mahnga padega dono ko

विसाल ऐसे भी महँगा पड़ेगा दोनों को बिछड़ने के लिए मिलना पड़ेगा दोनों को, फिर ऐसे तर्क ए

उसने यूँ रास्ता दिया मुझको…

usne yun rasta diya mujhko raste se hi hata diya mujhko

उसने यूँ रास्ता दिया मुझको रास्ते से ही हटा दिया मुझको, दूर करने के वास्ते ख़ुद से ख़ुद

उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा…

umr bhar sine me ek dard dabaye rakha

उम्र भर सीने में एक दर्द दबाए रखा एक बेनाम से रिश्ते को निभाए रखा, था मुझे वहम

कुछ एक रोज़ में मैं चाहतें बदलता हूँ…

kuch ek roz me main chahte badalta hoo

कुछ एक रोज़ में मैं चाहतें बदलता हूँ अगर न सीट मिले तो बसें बदलता हूँ, हर एक

जुदाई में तेरी आँखों को झील करते हुए…

judai me teri aankho ko jheel karte hue

जुदाई में तेरी आँखों को झील करते हुए सुबूत ज़ाएअ’ किया है दलील करते हुए, मैं अपने आप

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है…

ye dil tere baad pareshan nahi hota

झूठ का बोलना आसान नहीं होता है ये दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है, सब तेरे बा’द