विसाल ऐसे भी महँगा पड़ेगा दोनों को
बिछड़ने के लिए मिलना पड़ेगा दोनों को,
फिर ऐसे तर्क ए तअ’ल्लुक़ का फ़ाएदा क्या है ?
जब एक कमरे में रहना पड़ेगा दोनों को,
अब इस कहानी को एक मोड़ की ज़रूरत है
अब इस कहानी में मरना पड़ेगा दोनों को,
ये जान कर भी तअ’ल्लुक़ बढ़ाना ठीक नहीं
कि अगले साल बिछड़ना पड़ेगा दोनों को,
क़दम क़दम पे ज़माना मिलेगा राहों में
क़दम क़दम पे सँभलना पड़ेगा दोनों को..!!
~अक्स समस्तीपुरी