आग बहते हुए पानी में लगाने आई आग बहते हुए पानी में लगाने आई तेरे ख़त आज मैं दरिया में बहाने आई, … Read More
पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियाँ… पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियांरात है और है तुम्हारी चिट्ठियां, आओ तो पढ़ कर … Read More