बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना
बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना अब मुझे छोड़ के दुनिया में …
बारहा तुझ से कहा था मुझे अपना न बना अब मुझे छोड़ के दुनिया में …
अब बेवजह बेसबब दिन को रात नहीं करता फ़ुर्सत मिले भी तो किसी से बात …
याद ए माज़ी में जो आँखों को सज़ा दी जाए उस से बेहतर है कि …
इंसाफ़ से न महरूम अब कोई शख्स रहेगा दुनियाँ में जो जैसा करेगा, वो वैसा …
ख़ुदा से वक़्त ए दुआ हम सवाल कर बैठे वो बुत भी दिल को ज़रा …
ख़ून से लिखता है तावीज़ ए अजल काग़ज़ पर वक़्त करता है अजब सिफली अमल …
मत बुरा उसको कहो गरचे वो अच्छा भी नहीं वो न होता तो ग़ज़ल मैं …
ज़ख्म ए वाहिद ने जिसे ता उम्र रुलाया हो हरगिज़ ना दुखाना दिल जो चोट …
ज़िन्दगानी के काम एक तरफ़ अक़द का इंतज़ाम एक तरफ़, हां मुहब्बत का नाम एक …