मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे
मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे फिर तुम्हारे साथ सफ़र की इब्तिदा क्या …
मुझे इल्म है तुम रास्ते से पलट जाओगे फिर तुम्हारे साथ सफ़र की इब्तिदा क्या …
दिलजलों से दिल्लगी अच्छी नहीं रोने वालों से हँसी अच्छी नहीं, मुँह बनाता है बुरा …
मेरी तन्हाई बढ़ाते हैं चले जाते है हँस तालाब पे आते हैं चले जाते हैं, …
पानी आँख में भर कर लाया जा सकता है अब भी जलता शहर बचाया जा …
ये तमन्ना थी कि तकमील ए तमन्ना करते सामने तुझ को बिठा के हम तेरी …
खींच कर रात की दीवार पे मारे होते मेरे हाथों में अगर चाँद सितारे होते, …
उसके नज़दीक ग़म ए तर्क ए वफ़ा कुछ भी नहीं मुतमइन ऐसा है वो जैसे …
हो चराग़ ए इल्म रौशन ठीक से लोग वाक़िफ़ हों नई तकनीक से, इल्म से …
मोड़ था कैसा तुझे था खोने वाला मैं रो ही पड़ा हूँ कभी न रोने …