ये जो आवाम में फ़िक्र ए आम है सियासत
मेरे मुल्क की तो बिल्कुल खाम है सियासत,
नफ़रत का ज़हर घोलने का है यहाँ रिवाज़
हाँ इस लिए तो यहाँ की बदनाम है सियासत,
बदनाम कर दिया है इसको कुछ अय्यारो ने
वरना तो एक पाकीज़ा नाम है सियासत,
दुश्वार है बहुत गर लीडर अमीन है तो
चोरो के लिए तो एक अच्छा दाम है सियासत,
गुमराह करती है गाफ़िल को ये और बढ़ कर
हरामखोरो के लिए तो बस इल्हाम है सियासत..!!