कितना बुलंद मर्तबा पाया हुसैन ने

कितना बुलंद मर्तबा पाया हुसैन ने
राह ए ख़ुदा में घर को लुटाया हुसैन ने,

कैसे बयाँ हो हज़रत ए शब्बीर का मुक़ाम
बे हद बुलंद मर्तबा पाया हुसैन ने,

छोड़ी न वक़्त ए नज़अ भी शब्बीर ने नमाज़
सज़दे में रख के सर को कटाया हुसैन ने,

जारी थी लब ए हुसैन पे तिलावत क़ुरआन की
कलाम ए ख़ुदा इस हाल में सुनाया हुसैन ने,

आल ए नबी की शान ए तिलावत तो देखिये
नेज़े की नोक पे क़ुरआन सुनाया हुसैन ने,

करबल की खाक़ पे निसार जाऊँ मैं बार बार
खून ए रसूल इसको पिलाया हुसैन ने,

चेहरे का देख के सुकून होता है ये गुमाँ
नाना का वायदा ख़ूब निभाया हुसैन ने..!!

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