काँटे ही चुभन दे ज़रूरी तो नहीं
फूल भी नश्तर चभोते है,
बारिश ही भिगोए तन मन ज़रूरी तो नहीं
आँसू भी दामन भिगोते है,
तूफान ही डुबोए कश्ती ज़रूरी तो नहीं
माझी भी नाव डुबोते है,
हमेशा साथ हो कारवाँ ज़रूरी तो नहीं
रास्ते भी हमसफ़र होते है,
हर मुसाफ़िर को मिले मंज़िल ज़रूरी तो नहीं
कुछ ताउम्र मुसाफ़िर ही रहते है,
दिल की बात पहुँचे लबो तक ज़रूरी तो नहीं
ख़ामोश लम्हे भी बोलते है,
गुम्बदो की ही हो पूजा ज़रूरी तो नहीं
नीव के पत्थर भी इबादत के क़ाबिल होते है..!!