झूठ का बोलना आसान नहीं होता है
ये दिल तेरे बाद परेशान नहीं होता है,
सब तेरे बा’द यही पूछते रहते हैं मुझे
अब किसी बात पे हैरान नहीं होता है,
कैसे तुम भूल गए हो मुझे आसानी से
इश्क़ में कुछ भी तो आसान नहीं होता है,
हिज्र का ज़ायका लीजिए ज़रा धीरे धीरे
सब की थाली में ये पकवान नहीं होता है,
कोई किरदार मज़ा देता नहीं है उसका
जिस कहानी का तू उन्वान नहीं होता है,
होने को क्या नहीं होता है जहाँ में लेकिन
तुमसे मिलने का ही इम्कान नहीं होता है..!!
~अक्स समस्तीपुरी