इश्क उनसे हुआ देखते देखते…

इश्क उनसे हुआ देखते देखते
हुस्न पर मर मिटा देखते देखते,

कातिलाना अदा रोग देकर गई
बेख़बर फ़िर रहा देखते देखते,

गैर के साथ रिश्ता बना प्यार का
दे गई वो दग़ा देखते देखते,

मैं हक़ीकत न समझा हुई देर थी
घाव दिल पर लगा देखते देखते,

छोड़ जाते ये गलियाँ मगर क्या करें
जाम ग़म का पिया देखते देखते,

थी दवा भी वही ज़ख्म जिसने दिया
मैं फ़ना हो गया देखते देखते,

बिन उसके हुआ जीना दुश्वार
फिर जनाजा उठा देखते देखते..!!

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