आवाम भूख से देखो निढाल है कि नहीं ?
हर एक चेहरे से ज़ाहिर मलाल है कि नहीं ?
तमाम चीजों की क़ीमत बढ़ाई जाती रही
गरीबो को मारने की ये चाल है कि नहीं ?
पहुँच से पहले ही बाहर था ऐश का सामाँ
फ़लक के पास अभी आटा, दाल है कि नहीं ?
जो गले फाड़ कर महँगाई को कोसता था
उसे अपने अहद में इसका ख्याल है कि नहीं ?
हमारे ज़िस्म से नोचा है गोश्त, खून चूसा है
दोबारा वो देखने आया है खाल है कि नहीं ?
वो जिसके अहद में माँ बाप बेच दे बच्चे
तुम्ही कहो कि ये वजह ए उबाल है कि नहीं ?
ठिठुर के सर्द रातों में मरते रहे है लोग यहाँ
जुबां से बोलो तुम्हे कुछ मज़ाल है कि नहीं ?
क्या था अहद बहाली का, छीन ले रोटी
मुफलिसों के लिए जीना मुहाल है कि नहीं ?
नमूना सामने रखते है हम खलीफो का
तुम बताओ, सामने कोई मिसाल है कि नहीं ?
दिखाए सब्ज़ बाग़ हम गरीबो लोगो को
आवाम पहले से ही ख़स्ता हाल है कि नहीं ?
ऐ अमीर ए शहर तूने आँखे बंद कर ली है
वरना चेहरा तुम्हारा तमाचो से लाल है कि नहीं ??