दुनियाँ में करने पड़ते है इतने समझौते
कि मौत से पहले कई बार मर जाते है हम,
ज़िन्दगी में ऐसे ऐसे हालातो से गुज़रते है
कि जो नहीं चाहते वो भी कर जाते है हम,
आवारगी का ख़्वाब पाल कर कुँवारेपन में
शादी के बाद अचानक ही ठहर जाते है हम,
रिश्तो में इस कदर साज़िशो को झेलते है
कि अपनों को देख कर भी डर जाते है हम,
हम ख़ुद अपना दर्द किसी से कह नहीं पाते
कितने गम दिल में लिए ही मर जाते है हम..!!
~नवाब ए हिन्द