दिल ने जब जब तुझ पे इंहिसार किया
तुमने ख़ुद को और भी बे ऐतबार किया,
तू चल दिया नये रंगों के जहाँ में
हर पल बस मैंने तेरा ही इन्तिज़ार किया,
तेरे दिए दुखो का बन गया मैं आदी
बेसबब मुस्तक़िल ग़मों को इख़्तियार किया,
तुम पस ए पर्दा ही रहे मुहब्बतों के बाद
हमें नाहक़ ज़माने में, इश्तिहार किया,
सबक़ सब ही सिखा दिए फ़रेब के
तुझ से जब से रिश्ता उस्तुवार किया,
मुनाफिक़त का बे मिसाल शाहकार था वो
गले लग के मेरे, मुझ पे वार किया,
आदी न था उसका, तो वो मेरा था
बे ऐतबार हुआ जब उस पे ऐतबार किया,
एक ज़रा सी क़ीमत पे बेच कर मुहब्बत
तुमने साबित ख़ुद को बे किरदार किया..!!