तुम मेरी ख्वाहिश नहीं हो….
तुम मेरी ख्वाहिश नहीं होख्वाहिश पूरी हो जाए तो तलब नहीं रहती, तुम मेरी आदत भी नहीं होआदत …
तुम मेरी ख्वाहिश नहीं होख्वाहिश पूरी हो जाए तो तलब नहीं रहती, तुम मेरी आदत भी नहीं होआदत …
जो रहता है दिल के क़रीबअक्सर वही दूर हुआ करता है, जो नहीं हो मयस्सर हमकोवही मतलूब हुआ …
संभाला होश है जबसेमुक़द्दर सख्त तर निकलाबड़ा है वास्ता जिससेवही ज़ेर ओ ज़बर निकला, सबक़ देता रहा मुझकोसदा …
तुम्हे बहार की कलियाँ जवाँ पुकारती हैकहती मरहबा ! सब तितलियाँ पुकारती है, न बोसा प्यार का अंबर …
होश में रह के बे हवास फिर रहे है आजतेरे नगर में हम उदास फिर रहे है आज, …
कहे दुनियाँ उसे ऐसे ही बेकार न आयेक़िस्मत का मेरी बन के ख़रीदार न आये, इस बार मुलाक़ात …
कर के सारी हदों को पार चलाआज फिर से मैं कु ए यार चला, उसने वायदा किया था …
पलकों को तेरी शर्म से झुकता हुआ मैं देखूँधड़कन को अपने दिल की रुकता हुआ मैं देखूँ, पीने …
रुख से नक़ाब उनके जो हटती चली गईचादर सी एक नूर की बिछती चली गई, आये वो मेरे …
हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ हैहर नग़्मा सर-ए-बज़्म-ए-तरब और ही कुछ है, अरबाब-ए-वफ़ा जान …