किस को पार उतारा तुम ने किस को पार उतारोगे…
किस को पार उतारा तुम ने किस को पार उतारोगेमल्लाहो तुम परदेसी को बीच भँवर में मारोगे, मुँह …
किस को पार उतारा तुम ने किस को पार उतारोगेमल्लाहो तुम परदेसी को बीच भँवर में मारोगे, मुँह …
कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेराकुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा …
सब झाड़ फूँक सीख गए शेख जी से हममुर्गे को ज़िबह करते है उल्टी छुरी से हम, बचपन …
ये मेरी ग़ज़लें ये मेरी नज़्में तमाम तेरी हिकायतें हैंये तज़किरे तेरी लुत्फ़ के हैं ये शेर तेरी …
इब्तिदा ए इश्क़ में मेरायूँ हुआ दिल ख़राब आधा, कि जैसे सिख पर चढ़ते हीजल गया हो कबाब …
चलो ये इश्क़ नहीं चाहने की आदत हैकि क्या करें हमें दू्सरे की आदत है, तू अपनी शीशा-गरी …
लानत है तेरी ज़िन्दगी पे नहीं तू किसी काज काशक्ल ए इंसानी में छुपा तू इब्लीस के मिजाज़ …
बहार रुत में उजाड़ रस्तेतका करोगे तो रो पड़ोगे, किसे से मिलने को जब भीसजा करोगे तो रो …
किसी के इश्क़ में रस्तों की धूल हो गए हैंख़ुदा का शुक्र कि पैसे वसूल हो गए हैं, …
धमाल धूल उड़ाए तो इश्क़ होता हैवज़ूद वज्द में आये तो इश्क़ होता है, बहा रहा है वो …