मतलब परस्तो को क्या पता कि दोस्ती क्या है…
मतलब परस्तो को क्या पता कि दोस्ती क्या हैगुज़र गई है जो मुश्किलो में वो ज़िन्दगी क्या है, …
मतलब परस्तो को क्या पता कि दोस्ती क्या हैगुज़र गई है जो मुश्किलो में वो ज़िन्दगी क्या है, …
मुक़द्दर का चमकता सितारा हो भी सकता हैमुझे तक़दीर का शायद इशारा हो भी सकता है, मिलावट झूठ …
एक मैं और इतने लाखों सिलसिलों के सामनेएक सौत-ए-गुंग जैसे गुम्बदों के सामने, मिटते जाते नक़्श दूद-ए-दम की …
इक मसाफ़त पाँव शल करती हुई सी ख़्वाब मेंइक सफ़र गहरा मुसलसल ज़र्दी-ए-महताब में, तेज़ है बू-ए-शगूफ़ा हाए …
एक नगर के नक़्श भुला दूँ एक नगर ईजाद करूँएक तरफ़ ख़ामोशी कर दूँ एक तरफ़ आबाद करूँ, …
ग़ैरों से मिल के ही सही बे-बाक तो हुआबारे वो शोख़ पहले से चालाक तो हुआ, जी ख़ुश …
है शक्ल तेरी गुलाब जैसीनज़र है तेरी शराब जैसी, हवा सहर की है इन दिनों मेंबदलते मौसम के …
ग़म की बारिश ने भी तेरे नक़्श को धोया नहींतू ने मुझ को खो दिया मैं ने तुझे …
चादर की इज्ज़त करता हूँऔर परदे को मानता हूँ, हर परदा परदा नहीं होताइतना मैं भी जानता हूँ, …
उसे कहना मुहब्बत दिल के ताले तोड़ देती हैउसे कहना मुहब्बत दो दिलो को जोड़ देती है, उसे …