बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन
बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन मिला न आप से बढ़ कर …
बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन मिला न आप से बढ़ कर …
सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है अब इंक़लाब को अवाम से डर …
आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाक़ी है, कुछ दर्द मिटाना बाक़ी है …
हर एक शख़्स परेशान ओ दर बदर सा लगे ये शहर मुझको तो यारो कोई …
अश्क जब हम बहाने लगते हैं कितने ही गम ठिकाने लगते हैं आईना ले के …