स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने

swaraj ka jhanda bharat me gadwa diya gaandhi baba ne

स्वराज का झंडा भारत में गड़वा दिया गाँधी बाबा ने दिल क़ौम-ओ-वतन के दुश्मन का दहला दिया गाँधी

कितनी आसानी से दुनिया की गिरह खोलता है

kitni aasaani se duniya ki girah kholta hai

कितनी आसानी से दुनिया की गिरह खोलता है मुझ में एक बच्चा बुज़ुर्गों की तरह बोलता है, क्या

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ?

bataao dil ki baat me kya baat gahri thi

बताओ दिल की बाज़ी में भला क्या बात गहरी थी ? कहा, यूँ तो सभी कुछ ठीक था

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो

apne andaj men auro se juda lagte ho

अपने अंदाज़ में औरों से जुदा लगते हो सब बला लगते हैं तुम रद ए बला लगते हो,

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है

naam e muhabbat ka yahi

नाम ए मुहब्बत का यही इस्तिआरा है जो नहीं है हासिल वही होता हमारा है, माज़ी में छोड़

ये ज़हमत भी तो रफ़्ता रफ़्ता रहमत हो ही जाती है

ye jahmat bhi to rafta rafta rahmat..

ये ज़हमत भी तो रफ़्ता रफ़्ता रहमत हो ही जाती है मुसलसल गम से गम सहने की आदत

बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन

basa to lete naya dil men h

बसा तो लेते नया दिल में हम मकीं लेकिन मिला न आप से बढ़ कर कोई हसीं लेकिन,

ये न समझो ये ख्याल है मेरा…

ye naa samjho ye khyal hai mera

ये न समझो ये ख्याल है मेरा जो सुनाता हूँ वो हाल है मेरा, ऐसा गम हूँ मैं

सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है

soormaaon ko sar e aam se

सूरमाओं को सर ए आम से डर लगता है अब इंक़लाब को अवाम से डर लगता है, हमीं

आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी….

aahista chal ae zindagi

आहिस्ता चल ऐ ज़िन्दगी अभी कई क़र्ज़ चुकाना बाक़ी है, कुछ दर्द मिटाना बाक़ी है कुछ फर्ज़ निभाना