बहुत ख़राब रहा इस दौर मे

बहुत ख़राब रहा इस दौर मे
एक क़ौम का अच्छा होना,

रास ना आया मनहूसों को
क़ौम का इतना सच्चा होना,

दोस्तों अच्छा भी नहीं होता
इस दिल का यूँ बच्चा होना,

सोगवार होता है बारिश मे
अपने मकाँ का कच्चा होना,

बात बात पे हर बार सही नहीं
किसी एक नाम पे चर्चा होना..!!

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