ऐसा लगता है समझदार है दुनिया सारी
मैं हूँ इस पार तो उस पार है दुनिया सारी,
इस नई दौड़ में आगे है न पीछे कोई
दाम ए उजलत में गिरफ़्तार है दुनिया सारी,
दोस्ती और दिखावे की मोहब्बत करना
सब का शेवा है अदाकार है दुनिया सारी,
क़ाफ़िले दिल के सर ए आम हैं लूटे जिस ने
उसी रहज़न की तलबगार है दुनिया सारी,
आप अंदाज़ कुछ अपना तो बदल लेते फ़रोग़
चलिए माना कि ख़तावार है दुनिया सारी..!!
~फ़रोग़ ज़ैदी