आराइश ए बहार का सामाँ कहाँ से आए
या’नी जुनूँ में रोज़ गरेबाँ कहाँ से आए ?
इंसाँ मिले तो दौलत ए कौनैन भी निसार
लेकिन सवाल ये है कि इंसाँ कहाँ से आए ?
जोश ए जुनूँ ब ख़ैर अब इस ग़म से छुट गए
दामन कहाँ से आए गरेबाँ कहाँ से आए ?
बच बच के लाख बाद ए बहाराँ चले मगर
उन की सी वो अदा ए गुरेज़ाँ कहाँ से आए ?
इतना भी कोई पूछने वाला नहीं रईस
हैराँ कहाँ से आए परेशाँ कहाँ से आए..??
~रईस रामपुरी
क्या क्या न सामने से ज़माने गुज़र गए
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