तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ?

तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ?

 

तेरी जुल्फें बिखरने को घटा कह दूँ तो कैसा हो ?
तेरे आँचल के उड़ने को सबा कह दूँ तो कैसा हो ?

ब ज़ाहिर चुप हो लेकिन फिर भी आँखों में है अफ़साने
तेरी खामोशियों को भी सदा कह दूँ तो कैसा हो ?

मेरे शिकवे शिकायत पर भी मुझ से प्यार करती हो
तेरी चाहत को मैं सब से जुदा कह दूँ तो कैसा हो ?

तेरी यादें मेरे दिल पर अज़ब सा शोर करती हैं
तेरी यादों को गर मैं नशा कह दूँ तो कैसा हो ?

तुम्हारे बिन मुझे जीना बड़ा दुश्वार लगता है
तुम्हें मैं अपने जीने की वजह कह दूँ तो कैसा हो ?

जो तुम नाराज़ हो तो मुझे एक बात कहनी है
अगर मैं प्यार से तुमको वफ़ा कह दूँ तो कैसा हो ??

 

एक पल में एक सदी का मज़ा हम से पूछिए

Leave a Reply

Eid Special Dresses for women