वामपंथी सोच का आयाम है नागार्जुन
ज़िंदगी में आस्था का नाम है नागार्जुन,
ग्रामगंधी सर्जना, उसमें जुलाहे का ग़ुरूर
जितना अनगढ़ उतना ही अभिराम है नागार्जुन,
हम तो कहते हैं बंगाल की खाँटी सुबह
केरला की ख़ूबसूरत शाम है नागार्जुन,
ख़ास इतना है कि सर आँखों पे है उसका वजूद
मुफ़लिसों की झोपड़ी तक आम है नागार्जुन,
इस अहद के साथ कि इस बार हारेगा यज़ीद
कर्बला में युद्ध का पैग़ाम है नागार्जुन..!!
~अदम गोंडवी
























