तेरा ख़याल बहुत देर तक नहीं रहता
कोई मलाल बहुत देर तक नहीं रहता,
उदास करती है अक्सर तुम्हारी याद मुझे
मगर ये हाल बहुत देर तक नहीं रहता,
मैं रेज़ा रेज़ा तो होता हूँ हर शिकस्त के बा’द
मगर निढाल बहुत देर तक नहीं रहता,
जवाब मिल ही तो जाता है एक चुप ही न हो
कोई सवाल बहुत देर तक नहीं रहता,
मैं जानता हूँ कि सूरज हूँ डूब जाऊँ भी तो
मुझे ज़वाल बहुत देर तक नहीं रहता..!!
~नून मीम दनिश























