बूढ़ा टपरा, टूटा छपरा और उस पर..
बूढ़ा टपरा, टूटा छपरा और उस पर बरसातें सच उसने कैसे काटी होगी, लंबी लंबी …
बूढ़ा टपरा, टूटा छपरा और उस पर बरसातें सच उसने कैसे काटी होगी, लंबी लंबी …
नसीम ए सुबह गुलशन में गुलो से खेलती होगी किसी की आख़िरी हिचकी किसी की …
जिस तरफ़ चाहूँ पहुँच जाऊँ मसाफ़त कैसी मैं तो आवाज़ हूँ आवाज़ की हिजरत कैसी …
ज़िन्दगी की कशमकश से परेशान बहुत है दिल को न उलझाओ ये नादान बहुत है, …
दर्द कई होते है दिल में छुपाने के लिए सब के सब आँसू नहीं होते …
अज़ीब कर्ब में गुज़री जहाँ जहाँ गुज़री अगरचे चाहने वालो के दरमियाँ गुज़री, तमाम उम्र …
मेरी एक छोटी सी कोशिश तुम्हे पाने के लिए बन गई है मसअला सारे ज़माने …
अधूरे ख़्वाब की अनोखी ताबीर होती है हर हाथों में मुहब्बत की लकीर होती है, …