क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब
क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब बीच में लाना पड़े थाना कचहरी …
क्यूँ रवा रखते हो मुझसे सर्द मेहरी बे सबब बीच में लाना पड़े थाना कचहरी …
दुनियाँ में करने पड़ते है इतने समझौते कि मौत से पहले कई बार मर जाते …
उम्र कहते है जिसे साँसों की एक जंज़ीर है चश्म ए बीना में हर के …
जाने क्यूँ आजकल तुम्हारी कमी अखरती है बहुत यादो के बंद कमरे में ज़िन्दगी सिसकती …
ये सोचा नहीं है कि किधर जाएँगे मगर हम अब यहाँ से गुज़र जाएँगे, इसी …
क्या करेंगे आप मेरे दिल का मंज़र देख कर ख़ामखा हैरान होंगे एक समन्दर देख …
खुद ही जवाब देता खुद सवाल करता है जमाना तेरा मेरे मौला कमाल करता है, …
आ जाओ मैं लोरी गा के सुना देता हूँ चाँद अपना है उसे छत पे …
हर एक रूह में एक ग़म छुपा लगे है मुझे ये ज़िन्दगी तो कोई बद्दुआ …
हर वक़्त किसी को मुकम्मल नज़ारा नहीं मिलता उम्मीद जब रखो तो कहीं किनारा नहीं …