रात भी, नींद भी, कहानी भी…
रात भी, नींद भी, कहानी भीहाय, क्या चीज़ है जवानी भी एक पैग़ाम-ए-ज़िन्दगानी भीआशिक़ी मर्गे-नागहानी …
रात भी, नींद भी, कहानी भीहाय, क्या चीज़ है जवानी भी एक पैग़ाम-ए-ज़िन्दगानी भीआशिक़ी मर्गे-नागहानी …
कब तक यूँ बहारों में, पतझड़ का चलन होगाकलियों की चिता होगी, फूलों का हवन …