वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो…
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझ को भूल …
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझ को भूल …
नेक लोगो में मुझे नेक गिना जाता है गुनाहगार गुनाहगार समझते है मुझे मैं तो …
अब भला छोड़ के घर क्या करते शाम के वक़्त सफ़र क्या करते, तेरी मसरूफ़ियतें …
हर एक हज़ार में बस पाँच सात हैं हम लोग निसाब ए इश्क़ पे वाजिब …
रास्ते की धूल ने पैरों को ज़ख़्मी कर दिया बहर से माही अलग करना मुझे …
ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के साए में ज़िंदगी गुज़ारी है धूप भी हमारी है छाँव भी …
आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है जिंदगी हम ग़रीबों की नज़र में क़हर है जिंदगी, …
कुछ देर का है रोना, कुछ देर की हँसी है कहीं ठहरती नहीं इसी का …
ये जो पल है ये पिछले पल से भी भारी है हमसे पूछो हमने ज़िन्दगी …
मैंने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है और तू है कि मेरी जान …