दर्द
वही दर्द है वही बेबसी तेरे गाँव में मेरे…
वही दर्द है वही बेबसी तेरे गाँव में मेरे शहर में बे गमो की भीड़ …
मैं एक काँच का पैकर वो शख़्स पत्थर था
मैं एक काँच का पैकर वो शख़्स पत्थर था सो पाश पाश तो होना मेरा …
ज़ब्त ए ग़म पर ज़वाल क्यों आया
ज़ब्त ए ग़म पर ज़वाल क्यों आया शिद्दतों में उबाल क्यों आया ? गुल से …
रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई
रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं …
नाम लिखते है तेरा और मिटा देते है…
नाम लिखते है तेरा और मिटा देते है यूँ इस दिल को मुहब्बत की सज़ा …
ज़ख़्म का मरहम दर्द का अपने दरमाँ…
ज़ख़्म का मरहम दर्द का अपने दरमाँ बेच के आए हैं हम लम्हों का सौदा …
न ज़रूरत है दवा की न दुआ की दोस्तों !
न ज़रूरत है दवा की न दुआ की दोस्तों ! दिल की गहराई से ज्यादा …
हिज़्र के मौसम में ये बारिश का बरसना…
हिज़्र के मौसम में ये बारिश का बरसना कैसा ? एक सहरा में समन्दर का …
क्यूँ पत्थर को दिल में बसाए बैठे हो ?
क्यूँ पत्थर को दिल में बसाए बैठे हो ? वो अपना था ही नहीं जिसे …