ताज़ा मोहब्बतों का नशा जिस्म-ओ-जाँ में है..

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ताज़ा मोहब्बतों का नशा जिस्म-ओ-जाँ में हैफिर मौसम-ए-बहार मिरे गुल्सिताँ में है, इक ख़्वाब है कि बार-ए-दिगर देखते

तेरे साथ सफ़र मैं कुछ इस तरह करता रहा…

tere sath safar main kuch is tarah

तेरे साथ सफ़र मैं कुछ इस तरह करता रहा दूर हो कर भी महसूस तुम्हे हरदम करता रहा,

बदनाम मेरे प्यार का अफ़साना हुआ है…

badnam mere pyar ka afsana hua hai

बदनाम मेरे प्यार का अफ़साना हुआ है दीवाने भी कहते है कि दीवाना हुआ है, रिश्ता था तभी

अज़ब मअमूल है आवारगी का…

dosto se rasaai sochenge

अज़ब मअमूल है आवारगी का गिरेबाँ झाँकती है हर गली का, न जाने किस तरह कैसे ख़ुदा ने

हादसे ज़ीस्त की तौक़ीर बढ़ा देते हैं…

teri khushiyo ka sabab yaar koi aur hai na

हादसे ज़ीस्त की तौक़ीर बढ़ा देते हैं ऐ ग़म ए यार तुझे हम तो दुआ देते हैं, तेरे

हैरतों के सिलसिले सोज़ ए निहाँ तक आ गए..

हैरतों के सिलसिले सोज़

हैरतों के सिलसिले सोज़ ए निहाँ तक आ गए हम नज़र तक चाहते थे तुम तो जाँ तक

मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ…

मैं तकिए पर सितारे

मैं तकिए पर सितारे बो रहा हूँ जन्म दिन है अकेला रो रहा हूँ, किसी ने झाँक कर

मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी…

muhtaz hamsafar ki masafat

मुहताज हमसफ़र की मसाफ़त न थी मेरी सब साथ थे किसी से रिफ़ाक़त न थी मेरी, हक़ किस

मुझे ऐसा लुत्फ़ अता किया कि जो हिज़्र था न विसाल था..

aisa lutf ataa kiya ki jo naa hizr tha na visal tha

मुझे ऐसा लुत्फ़ अता किया कि जो हिज्र था न विसाल था मेरे मौसमों के मिज़ाज दाँ तुझे

मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुम…

teri khushiyo ka sabab yaar koi aur hai na

मेरे ख़्वाबों में यादों मे हो सिर्फ तुमऔर ज़हन ओ ख़्यालों में हो सिर्फ तुम, कुछ नहीं है