इश्क़ से जाम से बरसात से डर लगता है
यार तुम क्या हो कि हर बात से डर लगता है,
इश्क़ है इश्क़ कोई खेल नहीं बच्चों का
वो चला जाए जिसे मात से डर लगता है,
मैं तेरे हुस्न का शैदाई नहीं हो सकता
रोज़ बटती हुई ख़ैरात से डर लगता है,
हम ने हालात बदलने की दुआ माँगी थी
अब बदलते हुए हालात से डर लगता है,
दिल तो करता है कि बारिश में नहाएँ यासिर
घर जो कच्चा हो तो बरसात से डर लगता है..!!
~यासिर ख़ान इनाम