हम जो बे हाल ए ज़ार बैठे है
दिल की दिल में हार बैठे है,
तेरी महफ़िल से तो निकल गए थे
मगर तेरी यादे संभाल बैठे है,
तेरे अश्क ओ ख़ुमार पे दिल क़ुर्बान
तेरी नज़र ए ज़माल पे दिल क़ुर्बान,
तू नसीब में नहीं था शायद
शुक्र ए ख़ुदा कुछ पल तो गुज़ार बैठे है..!!
हम जो बे हाल ए ज़ार बैठे है
दिल की दिल में हार बैठे है,
तेरी महफ़िल से तो निकल गए थे
मगर तेरी यादे संभाल बैठे है,
तेरे अश्क ओ ख़ुमार पे दिल क़ुर्बान
तेरी नज़र ए ज़माल पे दिल क़ुर्बान,
तू नसीब में नहीं था शायद
शुक्र ए ख़ुदा कुछ पल तो गुज़ार बैठे है..!!