हर गम से मुस्कुराने का हौसला मिलता है
ये दिल ही तो है जो गिरता और संभलता है,
जलते दिल की रौशनी में तुम ढूँढ लो मंज़िल
चिराग़ को देखो जो बड़े शौक से जलता है,
दर्द भरी दुनियाँ में ख़ुद को पत्थर बना डालो
ऐसा दिल न रखो जो मुहब्बत में पिघलता है,
तुम समझ लेना उम्मीदों की शहनाइयाँ उसे
कोई आह गर तुम्हारे दिल से निकलता है,
किसी की याद सताए तो शाम का दिल देखो
जो अपनी सुबह के लिए कई रंग बदलता है,
ज़िन्दगी शय है जीने की जी लो ऐ दोस्तों !
लाख रौशनी हो मगर ये दिल कहाँ बहलता है ??
Bahot hi achha keep writting.