हादसों का शहर है संभल जाइए

हादसों का शहर है संभल जाइए
कौन कब किस डगर है संभल जाइए,

नेक रस्ते पे चलते हुए आज कल
यहाँ आदमी दर ब दर है संभल जाइए,

चाहे कहिए सड़क इसको या एक नदी
इस कदर रह गुज़र है संभल जाइए,

दर्द कितने दिए है आपने मुझे
ये कोई शराफ़त नहीं है संभल जाइए,

जान सस्ती मगर चीजे महँगी यहाँ
बाक़ी सब बे असर है संभल जाइए..!!

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