एक मय्यत ज़मीं तले उतरी एक मय्यत नहीं उठाई गई…

उसमें कोई रईस मुज़रिम था
जो कहानी नहीं सुनाई गई,

एक मय्यत ज़मीं तले उतरी
एक मय्यत नहीं उठाई गई,

एक रक्कासा का रक्स क्या देखा
एक मुल्ला की पारसाई गई,

ज़िन्दगी ख़ुद सवाल करती है
ज़िन्दगी किस लिए बिताई गई,

मौत आएगी और बताएगी
ज़िन्दगी किस लिए बनाई गई,

शेर आते रहे रवानी से
नींद कमबख्त है कि आई गई..!!

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