गर करो जहाँ में किसी से भी दोस्ती
तो फिर ताउम्र उसको धोखा मत देना,
खिला कर लबो पर वादी ए तबस्सुम
दोस्तों को आँसूओ का तोहफ़ा मत देना,
दूर इतना ना होना कि रोये याद कर के
दोस्तों को शिकवा का मौका मत देना..!!
गर करो जहाँ में किसी से भी दोस्ती
तो फिर ताउम्र उसको धोखा मत देना,
खिला कर लबो पर वादी ए तबस्सुम
दोस्तों को आँसूओ का तोहफ़ा मत देना,
दूर इतना ना होना कि रोये याद कर के
दोस्तों को शिकवा का मौका मत देना..!!