चेहरा देखें तेरे होंठ और पलकें देखे
दिल पे आँखे रखे और तेरी साँसे देखें,
सुर्ख लबो से सब्ज़ दुआएँ फूटी है
पीले फूलो तुमको नीली आँखे देखे,
साल होने को आया है वो कब लौटेगा ?
आओ खेत की सैर को निकले गूँचे देखे,
थोड़ी देर में जंगल हमको आक़ करेगा
बरगद देखे या बरगद की शाखें देखे ?
तू चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता है ?
चल साथ चलें और दुनियाँ की आँखे देखे,
हम तेरे होंठों की लर्ज़िश कब भूले है
पानी में पत्थर फेंकें और लहरें देखे..!!