नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर…
नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर इत्तिहाद ओ अमन ओ शराफ़त की बात कर, मत …
नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर इत्तिहाद ओ अमन ओ शराफ़त की बात कर, मत …
इस देस का रंग अनोखा था इस देस की बात निराली थी नग्मो से भरे दरिया थे रवां …
सोहनी धरती के रखवाले ये प्यारे खाक़ी वर्दी वाले, हर बाप का फ़ख्र ओ गुरुर है ये हर …
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले है फूल कागज़ …
आवाम भूख से देखो निढाल है कि नहीं ? हर एक चेहरे से ज़ाहिर मलाल है कि नहीं …
बस एक ही हल इसका हमारे पास है लोगो जो हुक्मराँ बिक जाए वो बकवास है लोगो, किस …
चुनाव से पहले मशरूफ़ होते है सारे ही उम्मीदवार दिन रात मीटिंगे होती है इन सबके प्यादे और …
वतन की सर ज़मी से इश्क़ ओ उल्फ़त ही नहीं खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम …
मुहब्बत कहाँ अब घरों में मिले यहाँ फूल भी पत्थरो में मिले, जो फिरते रहे दनदनाते हुए वही …
चंद सिक्को के एवज़ हर ज़ुर्म के सबूत मिटाने वालो इक्तिदार के नशे में धूत, लोगो पे ज़ुल्म …