क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है….
क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है क्या कुछ बुरा होने वाला है ? इन्सान पहले से कुछ नहीं …
क्या आँधियाँ बड़ी आने वाली है क्या कुछ बुरा होने वाला है ? इन्सान पहले से कुछ नहीं …
देसों में सब से अच्छा हिन्दोस्तान मेरा रू ए ज़मीं पे जन्नत, जन्नत निशान मेरा, वो प्यारा प्यारा …
मुबारक़ हो ! अहल ए वतन क्या ख़ूब इज्ज़त बख्शी है आलमी अखबारों ने सोने की चिड़िया …
हम एक ख़ुदा के बन्दे है और एक जहाँ में बसते है, रब भी जब चाहे हम साथ …
ये नफ़रतो की सदाएँ, वतन का क्या होगा ? हवा में आग बही, तो चमन का क्या होगा …
एक टूटी हुई ज़ंजीर की फ़रियाद हैं हम और दुनिया ये समझती है कि आज़ाद हैं हम, क्यूँ …
गर हक़ चाहते हो तो फिर जंग लड़ो गुहार लगाने से कहाँ ये निज़ाम बदलेगा, छाँव ढूँढ़ते हो, …
कैसे मंज़र सामने आने लगे हैं गाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैं, अब तो इस तालाब का पानी …
एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा हर शख्स यहाँ सबका भला चाहने वाला होगा, इंसानों …
वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है ये वही ख़ुदा की ज़मीन है …