एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा…
एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा हर शख्स यहाँ सबका भला चाहने …
एक दिन मुल्क के हर घर में उजाला होगा हर शख्स यहाँ सबका भला चाहने …
वही ताज है वही तख़्त है वही ज़हर है वही जाम है ये वही ख़ुदा …
नफ़रत को छोड़ द तू मुहब्बत की बात कर इत्तिहाद ओ अमन ओ शराफ़त की …
इस देस का रंग अनोखा था इस देस की बात निराली थी नग्मो से भरे …
सोहनी धरती के रखवाले ये प्यारे खाक़ी वर्दी वाले, हर बाप का फ़ख्र ओ गुरुर …
अज़ब ही मेरे मुल्क की कहानी है यहाँ सस्ता खून पर महँगा पानी है, खिले …
आवाम भूख से देखो निढाल है कि नहीं ? हर एक चेहरे से ज़ाहिर मलाल …
बस एक ही हल इसका हमारे पास है लोगो जो हुक्मराँ बिक जाए वो बकवास …
चुनाव से पहले मशरूफ़ होते है सारे ही उम्मीदवार दिन रात मीटिंगे होती है इन …
वतन की सर ज़मी से इश्क़ ओ उल्फ़त ही नहीं खटकती जो रहे दिल में …