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Motivational Status

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है

वो जो दिख रहा

वो जो दिख रहा है सच हो ये ज़रूरी तो नहीं है वो जो तुम कहते हो हक़ …

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आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो

aankh me paani rakho hontho pe chingari rakho

आँख में पानी रखो होंठों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो, राह के …

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किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले

किस को मालूम है

किस को मालूम है क्या होगा नज़र से पहले होगा कोई भी जहाँ ज़ात ए बशर से पहले …

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भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ?

भरोसा कैसे करे कोई

भरोसा कैसे करे कोई अब तिज़ारत के हवालो का ? न रहा सत्ता का यकीं हमको, न सत्ता …

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अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है

अपने थके हुए दस्त

अपने थके हुए दस्त ए तलब से माँगते है जो माँगते नहीं रब से वो सब से माँगते …

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जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे

kaam is dil ki tabahi se kya liya jaaye

जो होने वाला है वो हादसा दिखाई तो दे कोई चराग जलाओ हवा दिखाई तो दे, तेरी गली …

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कुछ चलेगा ज़नाब, कुछ भी नहीं…

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कुछ चलेगा ज़नाब, कुछ भी नहीं चाय, कॉफ़ी, शराब, कुछ भी नहीं, चुप रहे तो कली लगे वो …

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खून में डूबी सियासत नहीं देखी जाती…

खून में डूबी सियासत

खून में डूबी सियासत नहीं देखी जाती हमसे अब देश की हालत नहीं देखी जाती, उनके चेहरों से …

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किसी कमज़ोर की जब भी दुआएँ गूँज उठती है

किसी कमज़ोर की जब

किसी कमज़ोर की जब भी दुआएँ गूँज उठती है अबाबीलों के लश्कर से फज़ाएँ गूँज उठती है, ख़ामोशी …

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लेना देना ही क्या फिर ऐसे यारो से ?

लेना देना ही क्या

लेना देना ही क्या फिर ऐसे यारो से ? सुख दुःख भी जब बाँटने हो दीवारों से, ज़िस्म …

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने

सोच बदल जाती है

सोच बदल जाती है,हालात बदल जाते हैं

उजड़े हुए हड़प्पा के

उजड़े हुए हड़प्पा के आसार की तरह

निगाह ए यार के

निगाह ए यार के बदलने में कुछ देर नहीं लगती

कोई सुनता ही नहीं

कोई सुनता ही नहीं किस को सुनाने लग जाएँ

जानता हूँ कि तुझे

जानता हूँ कि तुझे साथ तो रखते है कई

मेरे उसके दरमियाँ ये

मेरे उसके दरमियाँ ये राब्ता है और बस

चल निकलती हैं ग़म

चल निकलती हैं ग़म ए यार से बातें क्या क्या

ऐसा है कि सब ख़्वाब

ऐसा है कि सब ख़्वाब मुसलसल नहीं होते

अब तक यही सुना

अब तक यही सुना था कि बाज़ार बिक गए

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तुझे पुकारा है बे

तुझे पुकारा है बे इरादा

फिर हरीफ़ ए बहार

फिर हरीफ़ ए बहार हो बैठे

हर सम्त परेशाँ तिरी

हर सम्त परेशाँ तिरी आमद के क़रीने